क्या है आपका बजट?
सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले यह तय कर लें कि आपका बजट क्या है? ऐसे में यह भी पता लगा लें कि क्या आपके बजट में कोई नई कार बाजार में उपलब्ध है या नहीं। उदाहरण के लिए कई बार ग्राहक किसी सेकेंड हैंड गाड़ी को खरीदने के लिए 3 से 4 लाख रुपये तक खर्च कर देते हैं। ऐसे में इस बजट में आपको कई बेहतर कारें बाजार में मिल जाएंगी। इन कारों पर हमने खबर भी की है आप इसे पढ़ सकते हैं याद रखें कि नई कार हमेशा नई होती है और सेकेंड हैंड कार हमेशा पुरानी। ऐसे में फैसला आपका है
कहां से खरीदें
अगर आप सेकंड हैंड कार खरीदने जा रहे हैं, तो आपके लिए Maruti True Value, Mahindra First Choice, Droom जैसे ब्रांड्स एक अच्छा विकल्प बन सकते हैं। ये ब्रांड्स सेकंड हैंड कारों की बिक्री करते हैं। यहां आपको अपने बजट में अच्छी सर्टिफाइड कार मिल जाएगी। असके अलावा इन कारों पर आपको फ्री सर्विस भी मिलता है। अंजान डीलर से सेकेंड हैंड कार खरीदने से अच्छा है कि आप यहां से कार खरीदें, क्योकिं बाहरी डीलर्स अक्सर कार के साछ छेड़छाड़ कर के या फिर गलत जानकारी देकर ग्राहकों को कार बेंच देते हैं। इससे बाद में ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन इन ब्रांड्स पर ऐसा नहीं होता है। उदाहरण के लिए Maruti True Value पर किसी भी कार को खरीदेंगे पर 1 साल की वारंटी और 3 सर्विस फ्री मिलती है। यहां सभी कारें सर्टिफाइड होती हैं। आसान पेपर वर्क होता है। इसके अलावा हर कार की जांच के बाद उसकी हिस्ट्री आपको दी जाती गै। Maruti True Value में आपको 400 से भी अधिक सर्टिफाइड सेकंड हैंड कारें मिलेंगी।
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गाड़ी की कंडीशन
अगर आप किसी दूसरे डीलर या किसी व्यक्ति से सेकेंड हैंड कार खरीद रहे हैं, तो उस कार की कडीशन का अच्छे से पता लगा लें। आप अपने साथ किसी मैकेनिक को ले जा सकते हैं, जो आपको कार के सही कंडीशन की जानकारी दे सके। याद रखें कि कार की झूठी जानकारी देकर इसे बेचना सबसे आसान काम होता है।
कार और कार के मालिक का बैकग्राउंड
सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले कार और कार के मालिक का बैकग्राउंड अच्छी तरह से पता लगा लें। जैसे, कहीं इस कार से कोई दुर्घटना तो नहीं हुई है या कार का इस्तेमाल किसी गैर कानूनी काम के लिए इस्तेमाल तो नहीं किया गया है। इसके अलावा यह भी पता लगा लें कि कार के मालिक पर किसी तरह को कोई केस तो नहीं है। दरअसल कई बार कम कीमत के झांसे में आकर ग्राहक कार खरीद तो लेते हैं, लेकिन बाद में उन्हें पता चलता है कि इस कार का इस्तेमाल कहीं गलत जगह हुआ है। ऐसे में ग्राहकों को पुलिस स्टेशन का चक्कर भी लगाना पड़ता है। कई माकों पर तो ग्राहक फंस जाते हैं और बिनी किसी गलती के उन्हें जेल भी हो जाती है।
बिना विश्वास कभी न खरीदें कार
सेकेंड हैंड कार को तभी खरीदें, जब आपको पूरा विश्वास हो। किसी के कहने पर तो भूल कर भी न खरीदें। याद रखें एक बाद आपने सेकेंड हैंड कार खरीद ली, तो फिर इसकी पूरी जिम्मेदारी सिर्फ आपकी ही है।
Thanks for reading, please write comment if any more information auto related.
Very helpful...
ReplyDeletethanks
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